Energy Resources In Rajasthan/राजस्थान के ऊर्जा संसाधन
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ऊर्जा किसी भी देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय संविधान में विद्युत को समवर्ती सूची में स्थान दिया गया है।
राजस्थान निर्माण के समय यहां स्थापित विद्युत क्षमता मात्र 13.27 मेगावाट थी। राजस्थान में विद्युत विकास हेतु 01 जुलाई 1957 को ‘राजस्थान राज्य विद्युत मंडल’ की स्थापना की गयी तथा ‘राजस्थान विद्युत नियामक आयोग’ का गठन 2 जनवरी 2000 को किया गया।
इसी क्रम में राजस्थान सरकार द्वारा “राजस्थान विद्युत क्षेत्र सुधार अधिनयम-1999” पारित किया जो 01 जून 2000 से लागु हुआ। इसके पश्चात राज्य में विद्युत तंत्र सुधार एवं समुचित विद्युत आपूर्ति हेतु 19 जून 2000 को ‘राजस्थान राज्य विद्युत मंडल’ का विभाजन कर पांच विद्युत कंपनियों का गठन किया गया।जो निम्न है –
⇒ उत्पादन हेतु :-
- राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL)
⇒ प्रसारण हेतु :-
- राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPNL)
⇒ वितरण हेतु :-
- जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL)
- अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL)
- जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL)
राजस्थान में ऊर्जा उत्पादन-
राज्य में ऊर्जा उत्पादन के प्रमुख स्रोत तापीय सयंत्र, पन बिजली परियोजना, पवन ऊर्जा, बॉयोमास, कैप्टिव ऊर्जा सयंत्र, अंतर्राज्यीय भागदारी परियोजनाएं और राजस्थान परमाणु ऊर्जा सयंत्र है।
अधिष्ठापित क्षमता-
राज्य में 30 Nov 2022 तक अधिष्ठापित क्षमता 23487.46 मेगावाट हो गयी। जिसके निम्न स्रोत रहे है-
स्रोत | अधिष्ठापित क्षमता (मेगावाट) | कुल का प्रतिशत |
तापीय ऊर्जा | 13488 | 57.42 % |
जल विद्युत | 1757.95 | 7.4 % |
गैस | 603.50 | 2.56 % |
परमाणु | 456.74 | 1.94 % |
सौर | 3348.60 | 14.25% |
वायु | 3730.35 | 15.88 % |
बायोमास | 101.95 | 0.43 % |
Total | 23487.46 | 100 |
(Economic Survey 2022-23)
ऊर्जा के स्रोत- ऊर्जा प्राप्ति के स्रोतों को दो भागो में बांटा जा सकता है-
1. परम्परागत ऊर्जा स्रोत-
- जल विद्युत (Hydro Power)
- तापीय विद्युत (Thermal Power)
- आणविक ऊर्जा (Atomic Power)
2. गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत-
- सौर ऊर्जा (Solar Energy)
- पवन ऊर्जा (Wind Energy)
- बायो गैस (Bio Gas)
- बायोमास (Bio mas)
- ज्वारीय तरंग ऊर्जा (Tidal Energy)
- भू-तापीय ऊर्जा (Geo-Thermal Energy)
राजस्थान की ऊर्जा परियोजनाएं-
तापीय विद्युत परियोजनाएं–
राजस्थान में ऊर्जा उत्पादन में तापीय ऊर्जा का सर्वाधिक योगदान है। इस ऊर्जा का मुख्य स्रोत कोयला,पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस है।
1. सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन (SSTPS)- श्री गंगानगर
- यह राज्य का पहला सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
- इसकी उत्पादन क्षमता 2820 MW है। (250×6,660×2)
- इसका संचालन RVUNL (राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) द्वारा किया जाता है।
2. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (KTPS)- कोटा
- यह राज्य का पहला कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट है और दूसरा सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
- इसकी उत्पादन क्षमता 1240 मेगावाट है।
- संचालन RVUNL (राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) द्वारा।
3. छबड़ा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट – बारां
- राज्य का पहला सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित प्रोजेक्ट है एवं तीसरा सुपर थर्मल पावर प्लांटहै।
- इसकी उत्पादन क्षमता 2320 मेगावाट है। (250×4, 660×2)
- इसका संचालन RVUNL (राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) द्वारा किया जाता है।
4. काली सिंध सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट – झालावाड़
- उत्पादन क्षमता – 1200 मेगावाट।
- इस परियोजना को पानी कालीसिंध बांध से तथा कोयले की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से होती है।
5. गिरल थर्मल पावर प्लांट- बाड़मेर
- यह राज्य का पहला लिग्नाइट गैसीकरण तकनीक आधारित पावर प्लांट है।
- उत्पादन क्षमता 250 मेगावाट।
- इसे राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा KLF जर्मनी के सहयोग से स्थापित किया गया।
6. कपूरड़ी-जालीपा सुपर थर्मल पावर प्लांट (बाड़मेर)- उत्पादन क्षमता -1080 मेगावाट।
7. भादरेस सुपर पॉवर प्लांट (बाड़मेर)- उत्पादन क्षमता – 1080 मेगावाट
8. बरसिंहसर थर्मल पावर प्लांट (बीकानेर)- उत्पादन क्षमता -250 मेगावाट
9. राज्य में निजी क्षेत्र की विद्युत परियोजनाएं-
- बांसवाड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट – कोयला आधारित, 2×660 मेगावाट
- गुढ़ा (बीकानेर)- 70 मेगावाट
- गिरल (बाड़मेर)- इकाई 3 व 4, 2×125 मेगावाट
- केशोरायपाटन (बूंदी) – 1000 मेगावाट, गैस आधारित
- कवई थर्मल पावर प्लांट- बारां, 1320 मेगावाट
गैस व तरल ईंधन आधारित परियोजना-
⇒ रामगढ गैस परियोजना- रामगढ (जैसलमेर)
- राज्य सरकार द्वारा स्थापित प्रथम गैस आधारित विद्युत परियोजना।
- स्थापित क्षमता – 273.5 मेगावाट
- संचालन- RVUNL द्वारा
- इस परियोजना को पानी IGNP द्वारा उपलब्ध होता है।
- ONGC द्वारा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति।
⇒ धौलपुर गैस आधारित कम्बाइंड साइकिल परियोजना- धौलपुर
- यह राजस्थान की दूसरी गैस आधारित परियोजना है।
- संचालन- RVUNL द्वारा।
- स्थापित क्षमता- 330 मेगावाट
⇒ झामर कोटड़ा गैस परियोजना – उदयपुर
- राज्य खान व खनिज निगम लिमिटेड (RSMML) द्वारा 2001 में स्थापित।
- क्षमता- 4 मेगावाट
⇒ अंता गैस विद्युत परियोजना- बारां
- यह राजस्थान में स्थापित केंद्र सरकार की प्रथम परियोजना है। (1989-90 से)
- संचालन- NTPC द्वारा। स्थापित क्षमता- 420 मेगावाट।
- इस प्रोजेक्ट को पानी की आपूर्ति चंबल नदी की दायीं मुख्य नहर से तथा गैस की आपूर्ति HBJ Pipeline से होती है।
- इसमें राज्य का अंश 19.81% (83.07 mw ) है।
परमाणु ऊर्जा –
⇒ राजस्थान परमाणु शक्ति गृह (RAPP- Rajasthan Atomic Power Plant)- रावतभाटा (चित्तौडग़ढ़)
- इसकी स्थापना कनाडा के सहयोग से 30 नवंबर 1972 को की गयी।
- संचालन- नाभिकीय ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) द्वारा।
- क्षमता- 1180 मेगावाट (इसके अलावा 700 MW की दो यूनिट प्रस्तावित)
- इस परमाणु गृह से राज्य को 412.74 मेगावाट विद्युत प्राप्त होती है।
- राजस्थान में दूसरा परमाणु विद्युत गृह दानपुर (बांसवाड़ा) में प्रस्तावित है।
सौर ऊर्जा-
देश में सौर ऊर्जा की सर्वाधिक संभावना राजस्थान में है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार के आंकलन के अनुसार राजस्थान में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावना है। राजस्थान में सौर ऊर्जा की सर्वाधिक संभावना के कारण निम्न है-
- सौर विकिरण की तीव्रता अधिक होना।
- वर्ष में लगभग 325 दिन धूप रहना।
- उच्च तापमान।
राजस्थान में स्थापित सोलर पार्क-
⇒ भड़ला (जोधपुर)- 2245 मेगावाट – चार चरणों में विकसित
- प्रथम फेज- 65 मेगावाट – RSPDC द्वारा (Rajasthan Solar Park Development Company)
- द्बितीय फेज- 680 मेगावाट- RSPDC द्वारा
- तृतीय फेज- 1000 मेगावाट – सौर्य ऊर्जा कम्पनी और राजस्थान लिमिटेड द्वारा।
- चतुर्थ फेज- 500 मेगावाट – अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड द्वारा।
⇒ पोकरण-फलौदी सोलर पार्क (जोधपुर-जैसलमेर) – 750 मेगावाट, एस्सेल सौर्य ऊर्जा कम्पनी द्वारा
⇒ फतेहगढ़ सोलर पार्क (जैसलमेर) – 1500 मेगावाट, अडानी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड द्वारा।
⇒ नोख सोलर पार्क (जैसलमेर)- 925 मेगावाट, RSPDC द्वारा।
राजस्थान सौर ऊर्जा नीति – 2019
• क्रियान्वयन-RREC (Rajasthan Renewable Energy Corporation) द्वारा।
• लागु- 18 दिसंबर 2019 से
• इस नीति के तहत 2024-25 तक 30000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
Particulars | Capacity |
यूटिलिटी/ग्रिड सोलर पार्क | 24000 MW |
Distributed Generation | 4000 MW |
Solar Rooftop | 1000 MW |
Solar Pumps | 1000 MW |
प्रावधान-
- सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में 100% की छूट, 50% रियायती रेट पर जमीन आवंटन, 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क में छूट, GST में 90% तक अनुदान।
- प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 7 वर्ष तक 50 % की छूट।
- इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 10 वर्ष तक 100 % की छूट।
- स्टोरेज के साथ अक्षय ऊर्जा संयंत्रों को प्रसारण एवं वितरण शुल्क में 7 वर्ष तक 75 % की छूट।
- निजी कृषि भूमि का उपयोग करने पर बिना शुल्क के भू-रूपांतरण किया जा सकेगा।
उद्देश्य-
- सौर ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में निवेशकों के अनुकूल वातावरण तैयार करना।
- राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- सोलर पार्कों का विकास।
- नवीकरणीय ऊर्जा के लिए पारेषण एवं वितरण नेटवर्क को मजबूत करना।
- हितधारक संचालित निति के साथ राज्य में सौर ऊर्जा क्षेत्र का विकास करना।
- ऑफ़-ग्रिड सोलर एप्लीकेशन जैसे-सोलर वाटर पंप, होम लाइटिंग सिस्टम, वॉटर हीटर को बढ़ावा देना।
- सौर ऊर्जा उपकरण और भंडारण प्रणालियों के विनिर्माण उद्योगों को बढ़ावा देना।
- नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों (EV) के चार्जिंग स्टेशनो को बढ़ावा देना।
ये भी पढ़े- Rajasthan Forest Report
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