प्रधानमंत्री आवास योजना

यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। पहले से संचालित ‘इंदिरा आवास योजना‘ को पुनर्गठित कर प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण की शुरुआत की गयी।
शुरुआत : 20 नवंबर 2016
मंत्रालय : ग्रामीण विकास मंत्रालय
नोडल विभाग : ग्रामीण विकास विभाग
उद्देश्य :
- 2022 तक सभी आवासहीन परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना।
- मूल रूप से 2023 – 24 तक 2.95 करोड़ घरो के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अगस्त 2024 में 2 करोड़ अतरिक्त घरो के निर्माण के साथ इसकी अवधि 2029 तक निर्धारित की है।
- 2024 – 29 तक कुल परिव्यय 3,06,137 करोड़ रुपए निर्धारित की गयी है।
लाभार्थी :
- इस योजना में लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (SECC)- 2011 के आधार पर किया जायेगा।
- लाभार्थियों के सत्यापन हेतु ग्राम सभा की मंजूरी एवं जियो – टैगिंग भी शामिल है।
- यह अनिवार्य किया गया है की परिवार की महिला मुखिया ही घर की मालिक या सह – मालिक होगी।
वित्त पोषण :
- मैदानी क्षेत्रों में – 60 : 40
- पूर्वोत्तर एवं 2 पहाड़ी राज्यों (हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड ) और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए 90 : 10
- अन्य केंद्र शासित प्रदेशो के लिए 100%
योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ :
- मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपए।
- पहाड़ी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो, पूर्वोत्तर राज्यों एवं दुर्गम क्षेत्रों हेतु 1.30 लाख रुपए की सहयता।
- प्रत्येक लाभार्थी को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण हेतु अतिरिक्त 12,000 रुपए।
- मनरेगा के तहत 90 दिन का रोजगार। (अधिकतम 18,000 रूपए )
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