यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की गयी थी।
मंत्रालय – जल शक्ति मंत्रालय
नोडल विभाग – पंचायती राज विभाग
टैग लाइन – ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’
चरण – Ι :
- अवधि – 2014 से 2019
- उद्देश्य – 2 अक्टूबर 2014 तक देश को खुले में शौच से मुक्त(ODF) बनाना।
- प्रगति – अक्टूबर 2019 तक देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने सभी गावों को ODF घोषित कर दिया था एवं ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 2014 के 39% से बढ़कर 2019 में 100 % हो गया।
- राजस्थान को 31 मार्च 2018 को ODF घोषित कर दिया गया।
चरण – ΙΙ :
- अवधि – 2020-21 से 2025-26
- इस चरण के तहत गावों को ODF से ODF+ मॉडल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके निम्न घटक है :
- व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL) : इसके तहत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की एक इकाई के निर्माण एवं उपयोग के लिए BPL/ SC/ST/छोटे और सीमांत किसान/भूमिहीन मजदूर/शारीरिक रूप से विकलांग और महिला मुखिया वाले परिवार को 12000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
- सामुदायिक स्वच्छ्ता परिसर (CSC) : ग्राम पंचायत द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 3 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक स्वच्छ्ता परिसरों का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें 15 वें वित्त आयोग के अनुसार 30% राशि व्यय करने का प्रावधान है।
- ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन : स्थानीय स्तर पर तरल एवं ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन की समुचित व्यवस्था।
- गोबर – धन परियोजना : इसका उद्देश्य पशुओं के गोबर एवं जैविक कचरे से गावों को साफ करके तथा ऊर्जा एवं खाद का उत्पादन करके आय के स्रोत विकसित करना है। प्रत्येक जिले में एक – एक आदर्श गोबर धन परियोजना स्थापित की जा रही है।
वित्त पोषण :
- केंद्र एवं राज्यो के मध्य – 60 : 40
- केंद्र एवं पूर्वोत्तर राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर के मध्य – 90 : 10
- जम्मू कश्मीर के अलावा अन्य केंद्र शासित प्रदेश – 100 %