पीएम – विश्वकर्मा योजना
यह केंद्रीय क्षेत्रक की योजना है, जिसे पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गयी है।
शुरुआत : 17 सितम्बर 2023
मंत्रालय : सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME)
विभाग : उद्योग विभाग
अवधि : 2023 – 2028
वित्त परिव्यय : 13,000 करोड़ रुपए
पात्रता :
- 18 वर्ष से अधिक आयु के पारम्परिक कारीगर और शिल्पकार जो चिन्हित 18 व्यवसायों में लगे हो।
- प्रति परिवार केवल एक सदस्य को लाभ दिया जायेगा।
- पिछले पांच वर्षो में उसने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुद्रा, पीएम स्वनिधि के तहत ऋण न लिया हो, और यदि लिया हो तो उसे पूरी तरह चुका दिया हो।
- सरकारी कर्मचारी एवं उनके पारिवारिक सदस्य इस हेतु पर नहीं है।
लाभ :
- कौशल उन्नयन हेतु –
- बुनियादी प्रशिक्षण : 5 – 7 दिनों में 40 घंटे, 500 रुपए प्रतिदिन स्टाईपेंड
- उन्नत प्रशिक्षण : 15 दिन तक, 500 रुपए प्रतिदिन स्टाईपेंड
- टूलकिट प्रोत्साहन – आधुनिक उपकरण खरीद ,उत्पादकता एवं उत्पाद की गुणवत्ता सुधार हेतु e-RUPI/e-Voucher के माध्यम से 15,000 रुपए अनुदान।
- ऋण सहायता – ‘उद्यम विकास ऋण’ के रूप में ब्याज अनुदान ( 5% की रियायती ब्याज दर, भारत सरकार द्वारा 8% तक ब्याज अनुदान सीमा के अधीन) के साथ 1 लाख रुपए (प्रथम क़िस्त) और 2 लाख रुपए (द्वितीय क़िस्त) का जमानत – मुक्त ऋण प्रदान किया जायेगा।
ऋण राशि चुकाने की अवधि प्रथम क़िस्त 1 लाख रुपए तक 18 महीने द्वितीय क़िस्त 2 लाख रुपए तक 30 महीने
- लाभार्थियों को प्रति माह 100 लेनदेन तक प्रत्येक डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपए प्राप्त होंगे।
Note :
- राजस्थान बजट 2025 – 26 में ‘विश्वकर्मा कौशल संस्थान’ की स्थापना कोटा में करने की घोषणा की गयी। (आवंटित राशि – 150 करोड़)