National Park of Rajasthan/राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान
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राजस्थान में कुल तीन राष्ट्रीय उद्यान(National Park of Rajasthan) है जो निम्न है-
क्र.स. | नाम | जिला | क्षेत्रफल(वर्ग किमी.) |
1 | रणथम्भौर | सवाई माधोपुर | 282.03 |
2. | केवलादेव/घना पक्षी विहार | भरतपुर | 28.73 |
3. | मुकुंदरा हिल्स | कोटा,चित्तौड़गढ़ | 199.55 |
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान-
This majestic cat enjoys a dip at #India’s Ranthambore Tiger Reserve.
#TigerTuesday pic.twitter.com/BtWQ48ySlw
— Discovery (@Discovery) October 24, 2023
- राज्य का सबसे बड़ा व प्रथम राष्ट्रीय उद्यान।
- 1955 में इसे राष्ट्रीय अभ्यारण्य घोषित किया गया था,बाद में 01 Nov. 1980 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- इसके दक्षिण में चंबल तथा उत्तर में बनास नदी बहती है।
- त्रिनेत्र गणेश मंदिर,जोगी महल एवं कुक्कुर घाटी स्तिथ।
- तीन झीलें-पदम् तालाब,मालिक तालाब एवं राजबाग झील स्तिथ है।
- राजस्थान की प्रथम बाघ परियोजना (1974) यहां चलाई गयी थी।
- इसे बाघों का घर कहा जाता है क्योंकि राजस्थान में सर्वाधिक बाघ इसी राष्ट्रीय उद्यान में है।
- 1996 में World Bank की सहायता से यहां “ईको डेवलपमेंट प्रोग्राम” चलाया गया था।
केवलादेव/घना पक्षी विहार-
Beyond its rich biodiversity and stunning landscapes, Keoladeo National Park holds a prestigious title in the world of wetland conservation: a Ramsar Site. 🌿 pic.twitter.com/qWsWyA1qmy
— Rajasthan Forest Department (@ForestRajasthan) January 31, 2024
- राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान।
- 1956 में इसे अभ्यारण्य घोषित किया गया था, बाद में 1981 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- 1981 में इसे “रामसर साइट” घोसित किया गया।
- 1985 में “यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर” सूची में शामिल।
- इसे पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है,यह “साइबेरियन क्रेन (सारस)” के आगमन के लिए प्रसिद्ध है।
- यहां कदम्ब के वृक्ष बहुतायत से पाए जाते है।
- यहां “अजान” बांध स्तिथ है जिससे पानी की आपूर्ति होती है।
मुकुंदरा हिल्स-
- इसे 09 जनवरी 2012 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
- यहां 2013 से राज्य की तीसरी बाघ परियोजना चल रही है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान NH-52 पर स्तिथ है।
- यहां “अबली मीणी का महल एवं रावठा महल” स्तिथ है।
- इसका नामकरण हाड़ौती के प्रकृति प्रेमी शासक मुकुंद सिंह के नाम पर किया गया है।
राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वन्य जीवों के संरक्षण के लिए की जाती है, जो वन्य जीव संरक्षण के स्वः स्थाने संरक्षण (In-Situ) के अंतर्गत आता है। ध्यातव्य है की वन्य जीवो को दो तरीकों से संरक्षित किया जा सकता है-
देश में वन्य जीवो की सुरक्षा हेतु संसद द्वारा “वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम – 1972” पारित किया गया, जो 09 सितम्बर 1972 से प्रभावी हुआ। इस अधिनियम को राजस्थान में 01 सितम्बर 1973 से लागु किया गया। |
राजस्थान में बाघ परियोजना (Project Tiger) 1973 –
प्रोजेक्ट टाइगर:
- पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा 1973 में शुरू किया गया एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य देश के विभिन्न बाघ अभ्यरण्यों में बाघों के संरक्षण के लिए सरकारी सहायता प्रदान करना है।
- बाघ अभ्यारण्य एक राष्ट्रीय उद्यान अथवा वन्यजीव अभ्यारण्य भी हो सकता है जैसे – सरिस्का एक टाइगर रिज़र्व भी है और राष्ट्रीय उद्यान भी।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) – इसका गठन “वन्य जीव संरक्षण अधिनियम” – 1972 के तहत किया गया है। इसके अध्यक्ष भारत के पर्यावरण मंत्री होते है।
राजस्थान में बाघ परियोजनाएँ – राजस्थान में Dec 2023 तक कुल 05 बाघ परियोजनाएं संचालित है –
1. रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व – सवाई माधोपुर
- इसे 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया और 1980 में नेशनल पार्क का दर्जा दिया गया।
- यह राजस्थान का पहला टाइगर प्रोजेक्ट था।
- इसका क्षेत्रफल 1411 वर्ग किमी है।
- इसका विस्तार रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान,सवाई माधोपुर अभ्यारण्य,कैला देवी अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य तक है।
- यह “त्रिनेत्र गणेश मंदिर” स्थित है।
2. सरिस्का टाइगर रिज़र्व – अलवर
- इसे 1955 में वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित किया गया था। बाद में 1978-79 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया एवं यह राज्य का दूसरा टाइगर रिज़र्व बना।
- यह अलवर जिले की अरावली की पहाड़ियों में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 1213 वर्ग किमी है।
- इस क्षेत्र में “पांडुपोल हनुमान मंदिर” स्थित है।
3. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व –
- इसे 2013 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इसका विस्तार मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रिय उद्यान,दर्रा अभ्यारण्य,चम्बल एवं जवाहर सागर अभ्यारण्य तक है।
- इसका क्षेत्रफल 760 वर्ग किमी है।
- रियासत काल में यह कोटा महाराज की शाही शिकारगाह थी।
4. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व – बूंदी
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा “वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972” की धारा 38 के तहत 05 जुलाई 2021 को रामगढ विषधारी अभ्यारण्य व निकटवर्ती क्षेत्रों को टाइगर रिज़र्व बनाये जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गयी।
- यह राज्य का चौथा एवं देश का 52 वां टाइगर रिज़र्व बना।
5. धौलपुर-करौली टाइगर रिज़र्व
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा धौलपुर-करौली अभ्यारण्य को टाइगर रिज़र्व बनाये जाने की घोषणा की।
- यह राज्य का 5 वां एवं देश का 54 वां टाइगर रिज़र्व बना।
राजस्थान के जिलों के शुभंकर
क्र.स. | जिला | शुभंकर |
1 | चूरू | कृष्णमृग |
2 | चित्तौडग़ढ़ | चौसिंगा |
3 | श्री गंगा नगर | चिंकारा |
4 | जयपुर | चीतल |
5 | भीलवाड़ा | मोर |
6 | अजमेर | खरमोर |
7 | बाड़मेर | मरु लोमड़ी |
8 | अलवर | सांभर |
9 | बारां | मगरमच्छ |
10 | करौली | घड़ियाल |
11 | पाली | तेंदुआ |
12 | सवाई माधोपुर | बाघ |
13 | कोटा | उदबिलाव |
14 | भरतपुर | सारस |
15 | नागौर | राजहंस |
16 | टोंक | हंस |
17 | बीकानेर | भट्ट तीतर |
18 | झुंझुनु | कला तीतर |
19 | झालावाड़ | गागरोनी तोता |
20 | सिरोही | जंगली मुर्गा |
21 | जैसलमेर | गोडावण |
22 | जालौर | भालू |
23 | राजसमंद | भेड़िया |
24 | प्रतापगढ़ | उड़न गिलहरी |
25 | बांसवाड़ा | जल पीपी |
26 | बूंदी | सुर्खाब |
27 | दौसा | खरगोश |
28 | धौलपुर | पंछीरा |
29 | सीकर | शाहीन |
30 | डूंगरपुर | जंगली धोक |
31 | हनुमानगढ़ | छोटा किलकिला |
32 | जोधपुर | कुरजां |
33 | उदयपुर | बिज्जू |
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