भारत सरकार द्वारा विद्युत डिस्कॉम्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने एवं उनकी परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) का संचालन किया जा रहा है।
अवधि – वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26
प्रस्तावित व्यय – 3,03,758 करोड़ रुपए
नोडल एजेंसी – REC & PFC
उद्देश्य –
- 2024 – 25 तक AT & C (समग्र तकनीकी एवं वाणिज्यिक ) घाटे को अखिल भारतीय स्तर पर 12-15 % तक कम करना।
- 2024 – 25 तक आपूर्ति की औसत लागत एवं प्राप्त औसत राजस्व का अंतर् शून्य करना।
- कुशल विद्युत वितरण क्षेत्र का विकास करना।
घटक –
- भाग A – प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और सिस्टम मेटरिंग के लिए वित्तीय सहायता और अवसंरचना का उन्नयन।
- भाग B – प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण और अन्य सक्षम और सहायक गतिविधियां।
विशेषताएं –
निम्न के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग को प्राथमिकता दी जाएगी –
- 500 अमृत शहर
- सभी केंद्र शासित प्रदेश
- MSME, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ता
- ब्लॉक स्तर एवं उस से ऊपर के सभी सरकारी कार्यालय