लागु – 09 दिसंबर 2024
उद्देश्य –
1. विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों का लाभ उठाकर प्रत्येक जिले की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना ताकि जिलों को ओडीओपी उत्पादों के लिए निर्यात केंद्र में बदला जा सके।
2. ओडीओपी ढांचे के भीतर उत्पादों के सतत विकास को बनाए रखना और बढ़ावा देना।
3. ओडीओपी से जुड़े कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और निर्माताओं को सशक्त बनाकर आय में वृद्धि करना और स्थानीय रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना।
4. ओडीओपी उत्पादों के उत्पाद डिजाइन, गुणवत्ता और विपणन क्षमता में सुधार करना।
5. ओडीओपी उत्पादों से जुड़े कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और कार्यबल को कौशल प्रदान करना, उनका कौशल बढ़ाना और उन्हें पुनः कौशल प्रदान करना।
6. ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे (भौतिक और सामाजिक) का विकास करना।
7. राज्य और केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं को एकीकृत करना और उनका लाभ उठाना।
8. ओडीओपी से जुड़े सभी हितधारकों को सहायता प्रदान करना।
मुख्य विशेषताएं –
1. उत्पाद चयन: स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता, निर्यात क्षमता, विशिष्टता, मापनीयता, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान बाजार उपस्थिति के साथ-साथ रोजगार सृजन क्षमताओं और भौगोलिक संकेत (जीआई) स्थिति की संभावना जैसे कारकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानदंड-आधारित चयन प्रक्रिया।
2. पूंजी की उपलब्धता: नए उद्यमों के निर्माण के लिए ऋण सहायता और राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करना।
3. नवाचार, डिजिटलीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन और डिजाइन: ओडीओपी उद्यमों को समकालीन प्रौद्योगिकियों और बाजार के रुझानों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए नवाचार, डिजिटलीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन, उत्पाद डिजाइन आदि को बढ़ावा देने के लिए समर्थन।
4. गुणवत्ता आश्वासन और मानक: प्रमाणन कार्यक्रमों और मानकों को बढ़ावा देना ताकि ओडीओपी उद्यम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में गुणवत्ता और दक्षता के आवश्यक मानकों को पूरा कर सकें।
5. पर्यावरणीय स्थिरता और ईएसजी: टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना।
6. बुनियादी ढांचे का विकास: एकीकृत क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा सुविधाएं प्रदान करना।
7. कौशल विकास और क्षमता निर्माण: ओडीओपी उत्पादों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास को लक्षित करने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम।
8. विपणन और प्रचार: राजस्थान के ओडीओपी उत्पादों की दृश्यता और मांग को बढ़ाने, बिक्री को बढ़ावा देने और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार पहुंच का विस्तार करने के लिए विपणन और ब्रांडिंग के अवसरों को बढ़ावा देना।
9. निर्यात लिंकेज: निर्यात को बढ़ावा देने और ओडीओपी उत्पादों के निर्यातकों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक रणनीति के कार्यान्वयन का समर्थन करना।
प्रावधान –
- नवीन सूक्ष्म उद्योगों को 25 % या अधिकतम 15 लाख रुपए एवं लघु उद्योगों को 15 % या अधिकतम 20 लाख रुपए तक मार्जिन मनी अनुदान सहायता प्रदान करना।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर पर 50% या 5 लाख रुपए तक अनुदान।
- क़्वालिटी सर्टिफिकेशन व आईपीआर(बौद्धिक संपदा अधिकार ) पर 75% या 3 लाख रुपए तक पुनर्भरण।
- विपणन आयोजनों में भाग लेने लेने के लिए 2 लाख रुपए तक सहायता।
- ई-कॉमर्स प्लेटफार्म फीस पर 75 % या 1 लाख रुपए प्रतिवर्ष, 2 साल तक पुनर्भरण।
- कैटलॉगिंग व ई-कॉमर्स वेबसाइट के विकास के लिए 60% या 75 हजार रुपए तक एकमुश्त सहायता।
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राजस्थान एक जिला एक उत्पाद नीति – 2024 लिस्ट (One District One Product List) –
क्र. स. | जिला | उत्पाद |
1 | अजमेर | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लैब्स, टाइल्स और सामग्री |
2 | अलवर | ऑटोमोबाइल पार्ट्स, मिल्क केक |
3 | अनूपगढ़ | कॉटन बॉल्स |
4 | बालोतरा | वस्त्र |
5 | बांसवाड़ा | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लैब्स, टाइल्स और सामग्री, सिंथेटिक यार्न और फेबरिक |
6 | बारां | कृषि उत्पाद (सोयाबीन आदि) |
7 | बाड़मेर | कशीदाकारी, ब्लॉक प्रिंटिंग वस्तुएं |
8 | ब्यावर | क्वार्ट्ज़ एवं फेल्सपार पॉउडर |
9 | भरतपुर | कृषि पर प्रसंस्करण उत्पाद (खाद्य तेल, शहद आदि) |
10 | भीलवाड़ा | वस्त्र |
11 | बीकानेर | बीकानेरी नमकीन, ऊनी कारपेट यार्न |
12 | बूंदी | चावल |
13 | चित्तौडग़ढ़ | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लैब्स और टाइल्स |
14 | चूरू | काष्ठ उत्पाद |
15 | दौसा | दरी(गलीचे), पत्थर उत्पाद |
16 | डीडवाना – कुचामन | मकराना मार्बल एवं ग्रेनाइट |
17 | डीग | पत्थर संबंधी उत्पाद |
18 | धौलपुर | स्कीमड मिल्क पॉउडर, स्टोन टाइल्स और स्लैब्स |
19 | दूदू | ब्लू पॉटरी |
20 | डूंगरपुर | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लैब्स और टाइल्स |
21 | गंगापुर सिटी | भारतीय मिष्ठान (खीरमोहन आदि) |
22 | हनुमानगढ़ | कृषि उत्पाद (चावल, कपास आदि ) |
23 | जयपुर | जेम्स एंड ज्वैलरी, गारमेंट्स, फर्नीचर, खिलौने, सेवाओं का निर्यात |
24 | जयपुर (ग्रामीण) | ब्लॉक प्रिंटिंग वस्तुएं, कृषि उपकरण |
25 | जैसलमेर | पीला मार्बल स्लेबस |
26 | जालौर | ग्रेनाइट स्लैब और टाइल्स |
27 | झालावाड़ | संतरा |
28 | झुंझुनू | काष्ठ हस्तकला उत्पाद |
29 | जोधपुर | फर्नीचर एवं हस्तकला उत्पाद |
30 | जोधपुर (ग्रामीण) | बलुआ पत्थर, नक्काशी उत्पाद |
31 | करौली | बलुआ पत्थर-स्लेबस, टाइल्स एवं उत्पाद |
32 | केकड़ी | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लेब्स और टाइल्स |
33 | खैरथल – तिजारा | ऑटोमोबाइल पार्ट्स इत्यादि |
34 | कोटा | कोटा – डोरियां |
35 | कोटपूतली – बहरोड़ | ऑटोमोबाइल पार्ट्स इत्यादि |
36 | नागौर | हाथ के उपकरण |
37 | नीम का थाना | फेल्सपार खनिज और उत्पाद |
38 | पाली | मेहँदी |
39 | फलौदी | नमक, सोनामुखी उत्पाद |
40 | प्रतापगढ़ | थेवा कला |
41 | राजसमंद | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लेब्स और टाइल्स, टेराकोटा |
42 | सलूम्बर | मार्बल- स्लेब्स और टाइल्स |
43 | सांचोर | मसाले |
44 | शाहपुरा | फड़ चित्रकला |
45 | सवाईमाधोपुर | पर्यटन |
46 | सीकर | फर्नीचर – एंटीक |
47 | सिरोही | मार्बल वस्तुएं |
48 | श्री गंगानगर | किन्नू |
48 | टोंक | स्लेट स्टोन और टाइल्स |
50 | उदयपुर | ग्रेनाइट एवं मार्बल स्लेब्स और टाइल्स |