राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना

राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना

चर्चा में क्यों ?-

• हाल ही में राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना फेज-2 में फुलवारी की नाल एवं जयसमंद सेंचुरी को शामिल किया गया है।

शुरुआत-

• वर्ष 2010-11

वित्तीय सहायता-

• जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी (JICA)

परियोजना क्षेत्र-

राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना फेज-2

10 मरुस्थलीय जिले- सीकर, चूरू, झुंझुनू, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, नागौर, जैसलमेर, बीकानेर।

5 गैर मरुस्थलीय जिले- जयपुर, सिरोही, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर।

7 वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र- फुलवाड़ी की नाल वन्य जीव अभ्यारण्य, जयसमंद वन्य जीव अभ्यारण्य, रावली टॉडगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य, कुम्भलगढ़ वन्य जीव अभ्यारण्य, सीतामाता वन्य जीव अभ्यारण्य, बस्सी वन्य जीव अभ्यारण्य और कैलादेवी वन्य जीव अभ्यारण्य।

परियोजना का उद्देश्य-

• साझा वन प्रबंधन प्रक्रिया से वृक्षारोपण एवं जैव विवधता संरक्षण के कार्यो द्वारा वन आच्छादित क्षेत्र में वृद्धि एवं जैव विवधता संरक्षण करना।

• वनो पर निर्भर जान समुदाय के आजीविका अवसरों में वृद्धि करना।

• प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक व आर्थिक विकास में योगदान करना।

 

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