राजस्थान सिलिकोसिस नीति/Rajasthan Silicosis Niti-2019
प्रारम्भ- 03 अक्टूबर 2019
उद्देश्य-
- सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों की पहचान करना,प्रमाणीकरण,और ईलाज की बेहतर व्यवस्था करना।
- श्रमिकों के लिए कार्य स्थलों जैसे- खदान,फैक्ट्री आदि स्थलों को धूल नियंत्रण के साथ-साथ मशीनों और साधनो की व्यवस्था के लिए बाध्य करना।
- सिलिकोसिस की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय अपनाना।
- सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए तत्काल राहत व पुनर्वास की व्यवस्था करना।
- सिलिकोसिस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करना।
लाभान्वित वर्ग- सिलिकोसिस पीड़ित एवं उसका परिवार।
प्रावधान-
- सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर पुनर्वास के लिए 3 लाख रुपए की सहायता।
- सिलिकोसिस रोगी की मृत्यु पर अंतिम संस्कार हेतु 10,000 रुपए एवं परिवारजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता।
- सिलिकोसिस पीड़ित को 1500 रुपए प्रतिमाह पेंशन।
- सिलिकोसिस विधवा को पेंशन का प्रावधान।
- सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार को पालनहार योजना का लाभ।
- सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार को आस्था कार्डधारी परिवार के समान समस्त BPL सुविधा तथा NFSA आदि से लाभान्वित किया जाना।
नोट-
- इस निति के साथ राजस्थान सिलिकोसिस निति जारी करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। (पहला राज्य हरियाणा
- राजस्थान द्वारा 2015 में सिलिकोसिस को महामारी के रूप में अधिसूचित किया गया था।
सिलिकोसिस रोग के बारे में –
- यह रोग आम तौर पर उत्खनन,निर्माण और भवन निर्माण उद्योगों में काम करने वालो में होता है।
- यह एक फेफड़ो की बीमारी है जो लम्बे समय तक सिलिका के छोटे-छोटे कणो के साँस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने से होती है।
- इसके सामान्य लक्षणों में साँस लेने में परेशानी होना,खांसी ,बुखार और त्वचा का रंग नीला पड़ना शामिल है।