Rajasthan Government Schemes
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इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना/Indira Gandhi Sahari Rojgar Guarante Yojana
घोषणा – बजट 2022-23
प्रारंभ – 9 सितंबर 2022
विभाग – स्वायत शासन विभाग
उद्देश्य–
- राज्य के शहरी क्षेत्रों की नगरीय निकायों में निवास करने वाले परिवारों विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर बेरोजगार एवं असहाय परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- मनरेगा की तर्ज पर राजस्थान में शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करना।
प्रावधान–
- शहरी क्षेत्र में निवास कर रहे परिवारों को 1 वर्ष में 125 दिन का रोजगार गारंटी से उपलब्ध करवाना।
- आवेदन करने के लिए जनाधार नंबर या आधार पंजीयन रसीद होना अनिवार्य।
- 18 से 60 वर्ष के व्यक्ति कर सकेंगे आवेदन।
- आवेदन के 15 दिन में काम मिलने की गारंटी।
- भुगतान DBT के माध्यम से सीधे बैंक अकाउंट में।
- आवेदन कर्ता को रोजगार नगरीय निकाय की किसी भी वार्ड में उपलब्ध कराया जा सकेगा।
- योजना में सामान्य कार्य हेतु निकाय स्तर पर श्रम एवं सामग्री लागत अनुपात 75:25 होगा तथा विशेष प्रकृति के तकनीकी कार्यों के लिए यह 25:75 होगा।
- योजना के लिए वार्षिक ₹800 का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान निःशुल्क बिजली योजना/Rajasthan Free Electricity Scheme
प्रारंभ– 1 अप्रैल 2022
उद्देश्य– राज्य के नागरिकों को बिजली सब्सिडी प्रदान करना।
पात्रता–
1. राजस्थान का स्थाई निवासी हो।
2. केवल घरेलू कनेक्शन पर ही बिजली सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
3. कम आय वाले परिवारों को योजना से जोड़ा जाएगा।
4. चिरंजीवी योजना से जुड़े लाभार्थी इसका लाभ ले सकेंगे।
प्रावधान (बजट 2023-24) –
• प्रति माह 100 यूनिट तक बिजली उपभोग करने पर बिजली बिल शून्य।राजस्थान निःशुल्क बिजली योजना
• प्रति माह 100 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने पर 0 से 150 यूनिट तक ₹3 प्रति यूनिट तथा 150 से 300 यूनिट तक ₹2 प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा।
• प्रतिमाह 300 यूनिट से अधिक उपभोग करने पर ₹750 का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा।
नए प्रावधानों का लाभ महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जून से मिलना प्रारंभ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना
प्रारंभ– 1 अप्रैल 2013
नोट- यह योजना बाद में बंद कर दी गई एवं राज्य सरकार द्वारा 1 फरवरी 2019 से पुनः शुरू की गई जिसमें दुग्ध उत्पादकों को 2 ₹ रुपए प्रति लीटर दूध अनुदान देने का प्रावधान किया गया जिसे बजट 2022-23 में ₹5 प्रति लीटर कर दिया गया है।
पात्रता– राजस्थान राज्य का नागरिक हो एवं पशुपालक हों।
विशेषताएं–
- राज्य के 500000 पशुपालकों को लाभ प्रदान करना।
- राज्य में 10,000 डेरियों की स्थापना करना।
लाभ-
- राज्य के पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- प्रति लीटर दूध पर ₹5 का अनुदान प्रदान करना।
- रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से कुल 10000 देशों की स्थापना करना।
- राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देना।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना/CM Rajshree Yojana Rajasthan
प्रारंभ- 1 June 2016
विभाग-
- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग – पहली और दूसरी किस्त इस विभाग द्वारा दी जाएगी।
- महिला एवं बाल विकास विभाग – तीसरी,चौथी,पांचवी एवं छठवीं किस्तों इस विभाग द्वारा दी।
उद्देश्य-
- बालिका शिशु मृत्यु दर में कमी लाना एवं लिंगानुपात में सुधार करना।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना एवं मातृ-मृत्यु दर में कमी लाना।
- लिंगभेद को रोकना एवं बालिकाओं को बेहतर शिक्षा,स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- बालिकाओं को समाज में समानता का अधिकार दिलाना।
- विद्यालयों में बालिकाओं के नामांकन में ठहराव सूचित करना एवं उसे प्रोत्साहन देना।
प्रावधान– मुख्यमंत्री राजश्री योजना में बालिका के जन्म से लेकर उसके 18 वर्ष की होने पर कुल ₹50,000 की सहायता 6 किस्तों में प्रदान की जाएगी–
किश्त | राशि(रुपए) | समय |
पहली | 2500 | जन्म के समय |
दूसरी | 2500 | 1 वर्ष का टीकाकरण पूर्ण होने पर |
तीसरी | 4000 | राजकीय विद्यालय में प्रवेश पर |
चौथी | 5000 | राजकीय विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश पर |
पांचवी | 11000 | राजकीय विद्यालय में कक्षा दसवीं प्रवेश पर |
छठवीं | 25000 | राजकीय विद्यालय में कक्षा 12 में उत्तीर्ण होने पर |
पात्रता-
- बालिका राजस्थान की मूल निवासी हो।
- बालिका का जन्म 1 जून 2016 को अथवा उसके बाद हुआ हो।
- संस्थागत प्रसव या तो राज्य के राजकीय चिकित्सालय में हुआ हो या जननी सुरक्षा योजना के तहत अधिकृत निजी चिकित्सा संस्थानों में हुआ हो
- बालिका राज्य सरकार द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों में प्रत्येक चरण में लगातार शिक्षारत हो।
- योजना की अगली किस्त पूर्व में सभी किसने प्राप्त करने की स्थिति में ही देय होगी।
I Am Shakti Udan Yojana
प्रारम्भ– 19 Dec 2021
विभाग- महिला एवं बाल विकास विभाग
उद्देश्य-
- राज्य की सभी महिलाओं को निःशुल्क सैनिटरी नैपकिन प्रदान करना।
- शारीरिक स्वच्छता के प्रति जागरूक करना।
पात्रता-
- केवल महिला व छात्राएं ही इस योजना का लाभ ले सकती है।
- इनकी आयु 45 वर्ष/ इस से कम होनी चाहिए।
- पहले यह योजना केवल स्कूल छात्राओं के लिए थी लेकिन अब इसमें 45 वर्ष तक की महिलाओं को शामिल किया गया है।
प्रावधान- पात्र छात्राओं एवं महिलाओं को 45 वर्ष की उम्र तक निःशुल्क सैनिटेरी नैपकिन प्रदान करना।
डांग क्षेत्र विकास कार्यक्रम(Dang Area Development Programme)
डांग क्षेत्र – चम्बल नदी द्वारा अपरदित पूर्वी राजस्थान का क्षेत्र, जो मुख्यतः सवाई माधोपुर,कोटा,धौलपुर एवं करौली में फैला हुआ है।
प्रारंभ- 2005-06
वित्त पोषण- 100% राज्य सरकार द्वारा
उद्देश्य-
- राज्य के पूर्वी तथा दक्षिणी पूर्वी जिलों में दस्यु प्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक सामाजिक एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं का विकास तथा रोजगार उपलब्ध कराना।
- सामुदायिक व अन्य आधारभूत भौतिक संपदा का अर्जन
- श्री योजना में शामिल 05 मूलभूत आधारभूत सुविधाएं- ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,ग्रामीण आंतरिक सड़कें,शिक्षा व ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से संपादन
- लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा
- कला संस्कृति एवं पर्यटन विकास
- शिक्षा,चिकित्सा एवं पुरातत्व पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्य
कार्य क्षेत्र- यह कार्यक्रम प्रदेश के 8 जिलों –सवाई माधोपुर,करौली,धौलपुर,भरतपुर,कोटा,बूंदी,बारां एवं झालावाड़ में क्रियान्वित किया जा रहा है।
मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम(Mewat Area Development Programme)
मेवात क्षेत्र-अलवर तथा भरतपुर का मेव बाहुल्य क्षेत्र मेवात के नाम से जाना जाता है।
शुरुआत- 1986-87
वित्तपोषण- 100% राज्य सरकार द्वारा
उद्देश्य-
- मेवात क्षेत्र राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ था,अतः यह योजना मेवाड़ क्षेत्र के विकास हेतु लाई गई।
- मेवात क्षेत्र का आर्थिक सामाजिक व आधारभूत ढांचागत विकास
- सामुदायिक व अन्य आधारभूत भौतिक परिसंपत्तियों का सृजन
- श्री योजना में शामिल पांच आधारभूत घटकों का प्राथमिकता से संपादन
- जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का समग्र विकास
- कला संस्कृति एवं पर्यटन विकास
- शिक्षा चिकित्सा एवं पुरातत्व पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्य
नोट- यह कार्यक्रम अलवर जिले की 10 मेव बाहुल्य पंचायत समिति तथा भरतपुर की 04 मेव बाहुल्य पंचायत समितियों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम(Magra Area Development Programme)
शुरुआत- 2004-05
वित्तपोषण- 100% राज्य सरकार द्वारा
उद्देश्य-
- मगरा क्षेत्र का आर्थिक सामाजिक व आधारभूत ढांचागत विकास
- सामुदायिक भौतिक परिसंपत्ति का अर्जन
- श्री योजना की पांच आधार व सुविधाओं का प्राथमिकता से संपादन
- जनसंख्या के आधार पर मगरा ग्रामीण क्षेत्र का समग्र विकास
- कला संस्कृति एवं पर्यटन विकास
- चिकित्सा शिक्षा एवं पुरातत्व पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्य
- लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना
नोट-
- यह योजना वर्तमान में राज्य के 5 जिलों- अजमेर,भीलवाड़ा,चित्तौड़,राजसमंद तथा पाली में संचालित हैं जिनके कुल 1715 गांव सम्मिलित हैं।
- योजना मगरा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित है।
- इस योजना के तहत जनसहयोग से प्राप्त राशि का भी उपयोग किया जा सकेगा।
मगरा क्षेत्र- दक्षिणी-मध्य राजस्थान के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का निवास है,को मगरा कहा जाता है। इसमें 5 जिले शामिल है – अजमेर,भीलवाड़ा,चित्तौड़,राजसमंद तथा पाली
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