खींचन एवं मेनार – राजस्थान के दो नए रामसर स्थल घोषित
विश्व पर्यावरण दिवस – 2025 की पूर्व संध्या पर (4 जून 2025 को ) पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री श्री भूपेंद्र यादव द्वारा राजस्थान की दो आर्द्रभूमियों खींचन (फलौदी) एवं मेनार (उदयपुर) को रामसर स्थल घोषित किया गया है।
खींचन – फलौदी :-
- खींचन, फलौदी जिले का एक गांव है।
- यह प्रवासी पक्षी डेमोइसेल क्रेन के लिए प्रसिद्ध है।
मेनार बर्ड विलेज :-
- मेनार, उदयपुर जिले स्थित है जो पक्षी गांव के नाम से भी जाना जाता है।
- यह अपने समुदाय के नेतृत्व वाले पक्षी संरक्षण के प्रयासों के लिए जाना जाता है।
इसी के साथ राजस्थान में अब कुल 4 रामसर साइट हो गयी है –
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – भरतपुर
- इसे 1981 में रामसर साइट घोषित किया गया था।
- 1985 में इसे UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जा चुका है।
- यह संरक्षित पक्षी अभ्यारण्य एवं साइबेरियन क्रेन का मुख्य आश्रय स्थल है।
- सांभर साल्ट लेक – जयपुर
- इसे 1990 में रामसर साइट घोषित किया गया था।
- यह भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील है।
- यह फ्लेमिंगो पक्षी एवं नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
- खींचन – फलौदी (2025)
- मेनार – उदयपुर (2025)
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